पति ही स्त्री का सच्चा पथ प्रदर्शक और सच्चा सहायक है।
3.
पति ही स्त्री का सच्चा पथ प्रदर्शक और सच्चा सहायक है।
4.
नशामुक्त युवक ही हमारे समाज का सच्चा पथ प्रदर्शक हो सकता है।
5.
को इस भारतवर्ष में सच्चा पथ प्रदर्शक और सहायक अंत में ढूँढ़ते ढूँढ़ते यही
6.
अपने पैदा होने के समय पर जिस सम्प्रदाय ने इतना महान त्याग किया कि स्वयं उसके प्रवर्तक ही सूली चढ़ा दिये गये हो समझ नही आता कि उसी सम्प्रदाय के सिद्धांत कैसे मानव को मानव से अलग करने के इस सिद्धांत पर उतारु हो गये कि यह प्रतिपादित करने लगे कि प्रभु का सच्चा पथ प्रदर्शक तो केवल यीशू ही है उसके अलावा अन्य रास्ते आपको भगवान तक नही पहुँचाते या तो आप खुद ही यीशु के वताऐ मार्ग पर चलो नही तो जबरन आपको इस मार्ग पर चलना पड़ेगा।
7.
आज गुरु पूर्णिमा पर विशेष फोटो 21 एनजीएल 17, 18,19 में है। जागरण संवाददता, नंगल: भारत वर्ष गुरुओं, पीरों, फकीरों, साधु संतों की भूमि मानी जाती है। यहां गुरु को ईश्वर से बढ़ कर माना व पूजा जाता है। गुरु ही है जो हमें अंधकार से प्रकाश की ओर, अज्ञान से ज्ञान की ओर ले जाता है। वह हमारे जीवन में न केवल प्रकाश ही फैलाता है बल्कि हमारी आत्मिक उन्नति करने में हमारा सच्चा पथ प्रदर्शक होता है। कबीर दास जी ने लिखा भी है-'' गुरु गोबिंद दोऊं खड़े काके लागूं पाए, बलिहारी गुरु आपनों